सर्व कस्ट निवारण ज्योतिष और वास्तु अनुसार उपाय

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जीवन में कभी कोई विप्पति कस्ट दुःख दारिद्रता न् आये इसके लिए प्रत्येक व्यक्ति को कुछ न् कुछ शुभ कर्म करते रहना चाहिए।यदि प्रारब्ध की वजह से भाग्य में परेशानियां आती भी है तो आपके निम्न कर्मो से वो जल्द ही आपसे दूर चली जाएँगी।
1 प्रत्येक व्यक्ति को सुबह उठते ही ईश्वर को याद करते हुए खुश होकर उठना चाहिए।
2 सबसे पहले घर के बड़े बुजुर्गो माता पिता के चरण छु कर आशीर्वाद ले। माता पिता बड़े बुजुर्गों का सम्मान उनकी सेवा ही ईश्वर भक्ति है।
3 थोड़ी देर खुले में अवश्य टहले।स्वास्थ्य बनाये।
4 स्नान आदि के बाद नित्य सूर्य उदय के समय सूर्य को  अर्घ्य दे।सूर्य के समक्ष खड़े हो कर सूर्य की ऊर्जा ह्रदय पर ले।
5 भोजन से पहले कुछ अंश थाली से निकाल कर पशु पक्षी को दे दे ।
6 नित्य गाय को रोटी गुड़ , कुत्ते की रोटी दूध, चीटियों को भुनी सुज्जी बुरा मिलाकर, पक्षियों को दाना डालें।
7  नित्य यज्ञ करे गायत्री मंत्र/अपने इष्ट के मन्त्र  की आहुतियां दे, अन्यथा सप्ताह में अवश्य करे।पूर्णिमा, अमावस्या कभी न् छोड़े।
8 घर में रोज एक व्यक्ति गरीब,ब्राह्मण,कन्या,साधु को भोजन अवश्य दे।
9 नित्य घर में दोनों संध्या दीपक जलाकर करे कपूर घी की आरती अवश्य करे।
10 अपने आस पास मंदिर में अवश्य जाए कीर्तन भजन सत्संग अवश्य करे करवाये ,सामूहिक यज्ञ करे करवाये।संगठित हो प्रेमपूर्व धर्म की रक्षा का प्रण करे।
11 संतान को धर्म की शिक्षा अवश्य दे।
12 मास में एक बार , एक गोला ले उसको ऊपर से काटकर उसमे भुनी सूजी ,बुरा,तील, पंचमेवा सब गोले में भरकर सर से उतार कर प्रार्थना करते हुए सुनसान  जगह ,पीपल ,बरगद आदि वृक्ष की छाया में गड्डा खोदकर दबा द
13 वर्ष में एक वृक्ष पीपल,शमी, आम,बरगद,नीम आदि के वृक्ष अवश्य लगाये।
14 वर्ष मैं 2 बार वृहद रुद्राभिषेक अवश्य करे।
15 अनाथ,अंधे,कोड़ी अपाहिज गरीब की मदद अवश्य करे।
16 घर, बहार , तीर्थ कही भी गंदगी न् फैलाये स्वयं सेवा करे।
17 हर सुख में  ईश्वर का धन्यवाद और कस्ट में ईश्वर प्रार्थना अवश्य करे।
18 पराई स्त्री को बुरी नजर से न् देखे।असहाय की मदद  अवश्य करे।
19 देश प्रेम ,ईश्वर उपासना, मानव उत्थान की भावना के साथ प्रार्थना करे ।
20 धन का व्यय शुभ कर्मो में  भी करें।अनाथालय,अन्धविद्यायलय,चिकित्सालय, यज्ञशाला, गौशाला,विद्यालय ,धर्मशाला आदि के निर्माण में करें। 
21  विद्यार्थी पूर्व दिशा की और मुख करके अध्ययन करें। और ईश्वर उपासना ध्यान ईशान दिशा की और करें। 22 भोजन बनाते समय आपका मुख पूर्व या दक्षिण पूर्व की और ही हो , भोजन खाते समय पूर्व  या उत्तर दिशा की और मुख करके भूमि पर बैठकर ही भोजन करें। 
23 सोते समय घर के बुजुर्गों का सिरहाना दक्षिण , विवाहित दक्षिण -पश्चिम , विद्यार्थी पूर्व , और विवाह योग्य कन्याये पश्चिम दिशा में करके सोएं। 
24 जल का स्थान उत्तर दिशा है इसलिए किस भी तरह का भरा हुआ जल उत्तर दिशा में ही रखे। अलमारी दक्षिण की दिवार पर उत्तर मुखी रक्खे , भरी सामान , बिजली की मीटर,मशीन ,जनरेटर ,इन्वेर्टर दक्षिण में ही रक्खे। 
25 घर, दुकान फैक्ट्री आदि स्थान पर कभी कभी शुद्ध देसी गाय का गोमूत्र गंगा जल मिलाकर छिड़काव करें , कभी समुंद्री नमक का पौचा लगाए , गुग्गल की धुनि करें। 
26 घर की स्त्रियाँ रात्रि में झूठे बर्तन न छोड़े , सुबह सबसे पहले घर की सफाई झाड़ू पोछा लगाकर स्नान करके घर के बहार शुद्ध जल का छिड़काव करें ॐ श्रीं लष्मी आये नमः करते हुए। 
27 घर के  मध्य स्थल  को खाली साफ सुथरा रखे हो सके तो वहां एक गमले में दुब घास या तुलसी लगाएं। घर के लिए शुभ पौधे तुलसी ,श्वेतार्क ,निम्बू,अनार ,जरूर लगाएं।
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जय माँ बगलामुखी। 
सुखी बसे संसार मेरा दुखिया रहे न् कोय ,
ये अभिलाषा हम सबकी भगवन पूरी होय।
जय माँ ।
आचार्य अनिल वर्मा
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