ईश प्रार्थना

हे सर्वाधार। सर्वान्तर्यामिन परमेश्वर ! तुम अनंत काल से अपने उपकारों की वर्षा किये जाते हो। प्राणिमात्र की संपूर्ण कामनाओं को तुम्ही प्रतिक्षण पूर्ण करते हों ,हमारे लिए जो कुछ शुभ हैं ,उसे तुम बिना मांगे ही स्वयं हमारी झोली मैं डालते जाते हो। तुम्हारे आँचल मैं अविचल शांति तथा आनंद का वास है। तुम्हारी चरण -शरण की शीतल छाया मैं परम तृप्ति हैं , शास्वत सुख की उपलब्धि है तथा सब अभिलषित पदार्थों की प्राप्ति हैं। 
हे जगतपिता परमेश्वर !हममें सच्ची श्रद्धा तथा विश्वाश हो। हम तुम्हारी अमृतमयी गोद मैं बैठने के अधिकारी बनें। अंतःकरण को मलिन करने वाली स्वार्थ तथा संकीर्णता की सब शूद्र भावनाओं से हम ऊँचे उठें। काम ,क्रोध , लोभ ,मोह  , ईर्ष्या , द्धेष इत्यादि कुटिल भावनाओं तथा सब मलिन वासनाओं को हम दूर करें।  अपने हृदय की आसुरी प्रवर्तियों के साथ युद्ध मैं विजय पाने के लिए हे प्रभो ! हम तुम्हे पुकारते हैं और तुम्हारा आँचल पकड़ते हैं। 
हे परम पवन प्रभो ! हममे सात्विक प्रवर्तियाँ जागृत हों।  क्षमा ,सरलता , स्थिरता , निर्भयता , अहंकारसुन्यता इत्यादि शुभ भावनाएं हमारी संपत्ति हों।  हमारा शरीर स्वस्थ तथा परिपुस्ट हो , तुम्हारे संस्पर्श से हमारी सारी शक्तियां विकसित हों। हृदय दया तथा सहानभूति से भरा हो। हमारी वाणी में मिठास हो तथा दृष्टि में प्यार हो। विधा और ज्ञान से हम परिपूर्ण हों। हमारा व्यक्तित्व महान और विशाल हो। 
हे प्रभो ! अपने आशीर्वादों को वर्षा करों।  दिनातिदिनों के मध्य विचरने वाले , तुम्हारे चरणविन्दों में हमारा जीवन अर्पित हो।  इसे अपने सेवा मैं लेकर हमें कृतार्थ करें। 
                          
  शांतिः                  शांतिः                       शांतिः