बुध गृह

बुध गृह के कारक 
-पांडित्य ,अच्छी वाक् शक्ति ,कला ,निपुणता ,विद्वानो द्वारा स्तुति ,मामा ,वाक् चातुर्य विद्या मैं बुद्धि का योग ,(बुद्धिमान होना अलग बात है विद्या मैं बुद्धि लगाये रखना अलसग बात है ) यज्ञ ,भगवन विष्णु सम्बन्धी धार्मिक कार्य ,सत्य वचन ,सीप ,विहार स्थल ,अमोद परमोद के स्थल ,शिल्प ,युवराज ,मित्र ,भांजा ,भांजी
बुध के शरीर कि कांति नविन दूब के सामान ,वात ,पित्त ,कफ त्रिदोषों का सम्मिश्रण ,इसका अधिपत्य नसो पर होता है ,स्वभाव से मधुर वाणी बोलने वाला ,मजाकपसन्द ,त्वचा प्रधान ,पन्ना ,सोना ,साबुत मूंग ,बड़ का पेड़ ,चौड़े पत्ते वाले पौधे ,केले का पेड़ ,बांस का पेड़ ,हरे खेत ,नाक का सिरा ,नसें ,जुबान ,दाँत बुध के छेत्र हैं।
दान कि वस्तुए -
पन्ना ,हरी मूंग कि दाल ,सोना ,कांसा ,खांड ,घी ,हरा वस्त्र ,सर्व पुष्प ,हाथी दाँत ,कपूरशस्त्र ,फल दिशा -उत्तर
पौराणिक मंत्र -प्रियंगुकलिकाश्यामं रुपेणाप्रतिमं बुधम ।
सौम्यं सौम्यगुणोपेतं तं बुधं प्रणमाम्यहम ।।
बुध के तांत्रोक्त मंत्र |
ॐ ऎं स्त्रीं श्रीं बुधाय नम:
ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:
ॐ स्त्रीं स्त्रीं बुधाय नम:
बुध का वैदिक मंत्र |
ॐ उद्बुध्यस्वाग्ने प्रतिजागृहि त्वमिष्टापूर्ते स सृजेथामयं च ।


अस्मिन्त्सधस्थे अध्युत्तरस्मिन्विश्वे देवा यजमानश्च सीदत ।।