नवग्रह के कारक
सूर्य :-ताम्बा ,सोना ,धेर्य ,शोर्य ,पराक्रम ,युद्ध मे विजय ,आत्मा ,शुख,प्रताप ,राजसेवा ,शक्ति,प्रकाश ,भगवन शिव सम्बंधी कार्य ,जंगल ,पहाड़ मैं यात्रा ,हवन ,कार्य मैं प्रवृति ,देवस्थान ,तीक्षणता ,उत्साह ,का विचार सूर्य से करें सूर्य के दान -ताम्बा ,गेहुँ ,लाल कपडा,माणक ,गुड़ ,घी ,केसर ,लालचंदन ,लालपुष्प ,सोना ,मूंग ,रक्त गाय
मंत्र --ॐ ह्रां ह्रीँ ह्रौं सः सूर्याय नमः
सूर्य का वैदिक मंत्र
ऊँ आकृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं मर्त्यण्च हिरण्य़येन सविता रथेन देवो याति भुवनानि पश्यन ।।
सूर्य का पौराणिक मंत्र
जपाकुसुम संकाशं काश्यपेयं महाद्युतिम ।तमोsरिं सर्वपापघ्नं प्रणतोsस्मि दिवाकरम ।।
सूर्य गायत्री मंत्र –
Surya Gayatri Mantra
ऊँ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात।
सूर्य का देवता - सूर्य भगवान , शिव भगवान।
दिशा - पूर्व दिशामंत्र --ॐ ह्रां ह्रीँ ह्रौं सः सूर्याय नमः
सूर्य का वैदिक मंत्र
ऊँ आकृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं मर्त्यण्च हिरण्य़येन सविता रथेन देवो याति भुवनानि पश्यन ।।
सूर्य का पौराणिक मंत्र
जपाकुसुम संकाशं काश्यपेयं महाद्युतिम ।तमोsरिं सर्वपापघ्नं प्रणतोsस्मि दिवाकरम ।।
सूर्य गायत्री मंत्र –
Surya Gayatri Mantra
ऊँ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात।
सूर्य का देवता - सूर्य भगवान , शिव भगवान।
नित्य प्रतिदिन ताम्बे के पात्र में जल ,शक्कर ,लाल चन्दन डालकर अर्घ्य देना चाहिए। सूर्य की कृपा से धन ,यश ,सम्मान ,आयु ,आरोग्यता ,सरकारी कार्यो मैं सफलता , राजनीति मैं पद मिलता है। सूर्य की कृपा से चेहरे पर तेज और आभा मंडल शुभ ऊर्जावान होता है। सूर्य को ज्योतिष मैं पिता का स्थान व शरीर मैं आत्मा की संज्ञा दी गई है। सूर्य के ही आकर्षण से पृथ्वी आदि समस्त गृह मंडल भ्रमण करता है।
यदि कुंडली मैं सूर्य शुभ प्रभाव नहीं दे रहा तो सूर्य आराधना अवश्य करनी चाहिए इस एक गृह की शुभता से सभी शुभ प्रभाव मिल सकते है।