गुरु गृह के कारक
पीला रंग ,ईशान ,आकाश तत्व ,शरीर मैं चर्बी ,सुख तथा ज्ञान ,धनु और मीन राशि का स्वामी ,धर्म,कर्म ,देव ,ब्राह्मण ,गृह ,पुत्र ,बंधू ,पौत्र ,पितामह ,सत्वगुण ,मित्र , मंत्री ,धनागार , विध्या ,उदर ,तथा देश का कारक है। सोना , पीपल का पेड़ , चने की दाल ,पीला पुखराज इसका रत्न व सोना इसकी धातु है , हल्दी ,केसर ,केले की जड़ , गुड़ , आचार्य ,गुरु ,पूजा का स्थान ,ब्रह्मा देवता , विष्णु स्तुति ,वेद शास्त्र का ज्ञाता , धार्मिक पुस्तक, संस्कृत का ज्ञान , सुसंस्कारित ,आदि विषय गुरु गृह से जाने जाते है।
तान्त्रिक मंत्र- ऊं ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम: ||
ॐ बृं बृहस्पतये नम:।
वैदिक मंत्र
ॐ बृहस्पते अति यदर्यो अहार्द् द्युमद्विभाति क्रतुमज्जनेषु।
यददीदयच्छवस ॠतप्रजात तदस्मासु द्रविणं धेहि चित्रम॥
इदं बृहस्पतये, इदं न मम॥